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Monday, May 4, 2020

यही बादशाही है Yahi Badshahee Hai

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Islamic Beautiful Story 

( यही बादशाही है )
    
https://asislamicandaz.blogspot.com/




एक मर्तबा  का ज़िक्र हे के हज़रत इब्राहीम अधम रहमतुल्लाह दरया के किनारे पर बैठे  अपनी फटी गुदरी सी रहे थे चूंकि आप एक सल्तनत के बादशाह थे और सब कुछ छोड़ छाड़   कर दरवेशाना ज़िन्दगी गुज़ार रहे थे 
अचानक वहां से एक वज़ीर का गुज़र हुआ उसने जो हज़रत इब्राहीम को इस हालत में देखा तो दिल में बड़ी हैरत का इज़हार किया 

और कहने लगा के किस क़द्र अज़ीम सल्तनत के मालिक थे ,अब फकीरी को इख्तयार कर रखा  है 
बादशाह होकर फ़क़ीरों की तरह  गुदरी सी रहे हैं जबकि उधर उनके न होने से सल्तनत बर्बाद हुई जा रही हे 

हज़रात इब्राहीम अधम ने कश्फ़ के ज़रिये उसके दिल की बात मालूम करली और उसे अपने क़रीब  बुलाकर  कहा जब  वजीर आपके करीब आया तो आपने उससे फरमाया तूने अपनी समझ के मुताबिक बात की है आपने अपनी सुई दरिया में फेंक दी और फिर बुलंद आवाज से पुकारा के मेरी सुई मुझे दो अचानक दरिया के अंदर से हजारों मछलियां अपने अपने मुंह में सोने की सुई दबाए हुए पानी से बाहर निकली हजरत इब्राहीम अधम रहमतुल्ला अलेह  ने आवाज दी मुझे सिर्फ मेरी चाहिए उसी वक्त एक दूसरी मछली बरामद हुई जिसके मुंह में हजरत  इब्राहीम रहमतुल्ला अलेह की  सुई  थी आपने उस मछली से अपनी सुई ले ली ,

इसके बाद आपने उस वजीर की तरफ तवज्जा करते हुए फरमाया कि यह बादशाही अच्छी है या वह सल्तनत की बादशाही फिर खुद ही फरमाया यकीनन यह बादशाही हक़ीक़ी बादशाही है और सबसे अच्छी है यह सुनकर और देखकर वजीर ने हजरत से माज़रत की और अपनी राह पर चल दिया 


Note:-
 तो  दोस्तों सच्ची बादशाही  तक़वा और परहेज़गारी  में ही पोशीदा है  दुनिया की दौलत से कोई सच्चा बादशाह नहीं  बनसकता 

 Urdu Translation
 
ایک مرتبہ کا ذکر ہے ہے کہ حضرت ابراھیم ادھم رحمۃ اللہ دریا کے کنارے پر بیٹھے ے اپنی بھٹی گردی سی رہے تھے تھے جب کہ آپ ایک سلطنت کے بادشاہ تھے اور سب کچھ چھوڑ چھاڑ کر درویش آنا زندگی گزار رہے تھے تے تھے وہ اسے ایک وزیر کا گذر ہوا اس نے جو حضرت ابراہیم کو اس حالات میں دیکھا حال میں بڑی حیرت کا اظہار کیا
اور کہنے لگا کہ کس قدر عظیم سلطنت کے مالک تھے اب فقیری کو اختیار کر رکھا ہے،
بادشاہ ہوکر فقیری کی طرح گر دیسی رہے ہیں جبکہ ادھر ان کے نہ ہونے سے سلطنت برباد ہوئی جا رہی ہے،

حضرت ابراھیم ادھم نے کا سہو کے ذریعے اس کے دل کی بات معلوم کر لیں اور اسے اپنے قریب لا کر کہا ہاں جب وزیر آپ کے قریب آیا تو آپ نے اس سے فرمایا
تو نے بھی اپنی سمجھ کے حساب سے بات 
حضرت نے اپنی سوئی دریا میں پھینک دی اور پھر بلند آواز سے پکارا کی میری سوئی مجھے دو اچانک دریا کے اندر سے ہزاروں مچھلیاں ہوئے پانی سے باہر نکلی
حضرت ابراھیم ادھم رحمۃ اللہ علیہ نے آواز دی مجھے صرف میری چاہیے اسی وقت دوسری مچھلی برآمد ہوئی جس کے منہ میں حضرت ابراہیم رحمۃ اللہ علیہ کی سوئی تھی آپ نے اس مشکل سے اپنی سوئی لے لیں

اس کے بعد آپ نے اس وزیر ر کی طرف توجہ کرتے ہوئے اوئے فرمایا کی بادشاہی اچھی ہے ہے یا یہ سلطنت کی بادشاہی ہیں پھر خود ہی ہیں فرمایا یا یقینا یہ بادشاہی حقیقت بادشاہی ہے ہے ہے اور اس سے اچھی ہے ہے یہ سن کر اور دیکھ کر وزیر نے
حضرت سے معذرت لی اور اپنی راہ چل دیا

Note:-

تو دوستو سچی بادشاہی تقویٰ اور پرہیز گاری قاری میں پوشیدہ ہے ہے دنیا کی دولت میں کوئی سچا میرا بادشاہ نہیں بن سکتا 

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