एक दफा एक यहूदी ,इसाई, मुसलमान सफर में इकट्ठे हो गए और तीनों एक मंज़िल पर पहुंचे एक शख्स सवाब हासिल करने के लिए बड़ा मजेदार हलवा लेकर आया जो शहद और मेवे डालकर बनाया गया था साथ गरम गरम नान भी थे शाम का वक्त था ईसाई और मूसाई खाना खा चुके थे मगर मुसलमान ने अभी रोजा इफ्तार ना किया था
और दोनों गैर मुस्लिम साथियों ने कहा कि हम तो खाना खाकर शेर हो गए हो चुके यह खाना आज रख छोड़ते हैं कल खाएंगे आज रात सब्र करते हैं मुसलमान ने कहा कि यह नान और हलवा रात ही खाया जाएगा सब्र कल करेंगे वह बोले क्या तेरी यह मर्जी है कि अकेला खा जाए मुसलमान ने कहा कि हम 3 हैं अपना अपना हिस्सा बांट लेते हैं जो चाहे कल के लिए रख छोड़े वह बोलेकीख़बरदार बाँटने का नाम न लो किया तुमने नहीं सुना के बाँटने वाला दोज़खी होता हे
मुस्लमान ने जवाब दिया यह बात नहीं यह बात नहीं लेकिन खैर तुम्हारी यह मर्ज़ी नहीं के खाना बांटा जाये न सही पड़ा रहने दो
उन दोनों का मक़सद यह था के मुस्लमान को रत को भूखा रहने दो अगर वोह मुस्लमान चाहता तो उनसे छीन केर खा लेता मगर वोह चुप रहा उनमे से एक ने कहा के जो सुबह हम तीनो में से अच्छा ख्वाब बयान करेगा हलवा उसी का हक़ है सुबह बेदार हुए तो यहूदी ने ख्वाब बयान करना शुरू किया
के मुझे रात हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम मिले मैं उनके पीछे पीछे रवाना हो गया वोह कुह तूर पर पहुंचे अल्लाह के नूर ने हम तीनो यानि मूसा मुझे और कूह तूर को ढांप लिया और हम उस नूर में गुम हो गए नूरे इलाही के जलवे से तूर कांपा और तीन टुकड़े हो गए एक टुकड़ा समंदर में गिरा जिससे उसका पानी बेठ गया और वहां से मीठे पानी का चश्मा फूट कर बह निकला यह पानी जिस बीमार ने पिया उसकी बीमारी दूर हो गयी तीसरा टुकड़ा उड़ कर अरफ़ात के मैदान में जा गिरा इस वाक़्या ने हमको बेहोश कर दिया जब होश आया तो देखा के तूर अपने मक़ाम पर सही मौजूद हे मगर फिर वोह हज़रात मूसा के क़दमों तले पिघलना शुरू हुआ और ज़मीन की तरह हो गया मुझ परबेहोशी तारी हो गयी जब फिर सभला तो तूर और मूसा को वैसा ही पाया दामन कुह की तरफ नज़र की तो इसमें बड़े बड़े अम्बिआ और औलिआ दिखाई दिए जो हज़रात मूसा की तरह रब्बी अरनी का नआरा लगाते हुए तूर की तरफ आ रहे थे फिर अजीब मख्लूक़ नज़र आयी जिसके हाथ पाऊं बदन सब बर्फ के थे यहूदी ने बड़ी शानसे अपना खवाब बयां किया
फिर ईसाई बोला के मुझे हज़रत ईसा ख़्वाब में मिले और अपने साथ चौथे आसमान पर ले गए वहां मैंने सूरज का ठिकाना और मरकज़ देखा और ऐसी चीज़ देखी के ज़मीन पर उनका आना न मुमकिन हे यहूदी ने जो कुच्छ देखा ज़मीन पर देखा मैंने आसमान की सैर की मेरा और इसका किया मुक़ाबला
अब मुस्लमान की बारी आयी वोह बोला दोस्तों मुझे मेरे बादशाह हुज़ूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम मिले और फ़रमाया तुम्हारे एक हमसफ़र तो मूसा के साथ तूर की सैर कर रहा हे और दूसरा ईसा के साथ चौथे आसमान पर हे इन दोनों ने फरिश्तों का दर्जा हासिल केर लिया उन्हें खाने पीने की ज़रुरत नहीं रही तू भूखा हे
ज़मीन पर क्यों पड़ा हे उठ और हलवा खा ले जब ईसाई और यहूदी ने यह सुना तो हेरत से उसका मुंह तकने लगे और बोले तो किया तूने हलवा खा लिया मुस्लमान ने जवाब दिया मुसलमानो पर हुज़ूर सल्लल्लाहुआलेहिवसल्लम की अतात फ़र्ज़ हे हुज़ूरे अकरम किसी चीज़ का हुकम देते और मैं न करता यह कैसे मु,मुमकिन हे ए यहूदी तूही बता के तू हज़रात मूसा के हुकम से सरकशी केर सकता हे ए ईसाई तू ही बता के तुझे हज़रात इसा के इरशाद से सरताबी ज़ेबा हे यह सुनकर वोह दोनों कहने लगे
खुदा क़सम तेरा खवाब सच्चा हे और हम दोनों का खवाब ख्याल साबित हुआ और तेरा सच्चा तूने खुवाब से कुच्छ हासिल कर लिया और हम महरूम रहे
क़ारून को ग़ुरूर से किया मिला ,ज़मीन में ग़र्क़ हो गया
अबू जेहल अबुलहिक्म था ,मगर उसे उससे कुच्छ फायदा न हुआ
और उल्टा दोज़ख में जा गिरा
तो दोस्तों इससे नसीहत लेनी .
फिर ईसाई बोला के मुझे हज़रत ईसा ख़्वाब में मिले और अपने साथ चौथे आसमान पर ले गए वहां मैंने सूरज का ठिकाना और मरकज़ देखा और ऐसी चीज़ देखी के ज़मीन पर उनका आना न मुमकिन हे यहूदी ने जो कुच्छ देखा ज़मीन पर देखा मैंने आसमान की सैर की मेरा और इसका किया मुक़ाबला
अब मुस्लमान की बारी आयी वोह बोला दोस्तों मुझे मेरे बादशाह हुज़ूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम मिले और फ़रमाया तुम्हारे एक हमसफ़र तो मूसा के साथ तूर की सैर कर रहा हे और दूसरा ईसा के साथ चौथे आसमान पर हे इन दोनों ने फरिश्तों का दर्जा हासिल केर लिया उन्हें खाने पीने की ज़रुरत नहीं रही तू भूखा हे
ज़मीन पर क्यों पड़ा हे उठ और हलवा खा ले जब ईसाई और यहूदी ने यह सुना तो हेरत से उसका मुंह तकने लगे और बोले तो किया तूने हलवा खा लिया मुस्लमान ने जवाब दिया मुसलमानो पर हुज़ूर सल्लल्लाहुआलेहिवसल्लम की अतात फ़र्ज़ हे हुज़ूरे अकरम किसी चीज़ का हुकम देते और मैं न करता यह कैसे मु,मुमकिन हे ए यहूदी तूही बता के तू हज़रात मूसा के हुकम से सरकशी केर सकता हे ए ईसाई तू ही बता के तुझे हज़रात इसा के इरशाद से सरताबी ज़ेबा हे यह सुनकर वोह दोनों कहने लगे
खुदा क़सम तेरा खवाब सच्चा हे और हम दोनों का खवाब ख्याल साबित हुआ और तेरा सच्चा तूने खुवाब से कुच्छ हासिल कर लिया और हम महरूम रहे
Note :-
सामरी ने हुनर से हासिल किया ,मरदूद हो गया क़ारून को ग़ुरूर से किया मिला ,ज़मीन में ग़र्क़ हो गया
अबू जेहल अबुलहिक्म था ,मगर उसे उससे कुच्छ फायदा न हुआ
और उल्टा दोज़ख में जा गिरा
तो दोस्तों इससे नसीहत लेनी .
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