कब्र पर मिट्टी डालने की दुआ | क़बर पर मिट्टी देने की दुआ
अस्सलामु अलाकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु दोस्तों आज क़बर पर मिट्टी देने की दुआ के बारे में बात करने वाले हैं, हम सब को एक न एक दिन दुनिया को छोड़ कर अल्ला ताअला के पास जाना है तो क्यूँ न हम उसकी तैयारी पहले से ही कर ले
इस्लाम में बहुत सी ऐसी बात है जो हर मुसलमान को जाननी चाहिए|
आज हम जानने वाले हैं कि अगर किसी का इन्तेकाल हो जाता है तो उसकी कब्र पर मिट्टी देने की दुआ क्या है और मिट्टी कैसे दी जाए
क़बर पर मिट्टी देने की दुआ
दोस्तों कब्र पर तीन बार मिट्टी डाली जाती है। कब्र पर मिट्टी को आराम से और इत्मीनान से देना चाहिए।
कब्र पर तीन बार ही मिट्टी डालनी चाहिए।
किसी भी मैयत में आप सिरकत करें तो सबसे पहले आप कबरिस्तान के अंदर अपना पैर रखने से पहले अस्सलामु अलैकुम वरहमतुल्लाह वबरकाताहु जरूर करें
किसी भी जनाजे में मिटटी का इस्लामिक तरीका ये है कि एक आदमी या एक इंसान को तीन बार मिटटी देना है
कब्र पर मिटटी का काम समय मुस्तहक यह है की जनाजे के सर की तरफ सुरु शुरू करें और अपने दोनों हाथो में मिट्टी भर के कब्र पर आ जाएँ |
हमारे मज़हब इस्लाम बहुत आसान और मुक़म्मत है और हमारी मुक़म्मल रहनुमाई करता है| दुनिया मे आने से लेकर मरने के बाद तक कुरान में बेशुमार दुआओं का ज़िक्र है जिनमे जिससे आप बहुत फायदा उठा सकते हैं
मरने के बाद मय्यत को ज़मीं में दफ़नाते वक़्त की दुआएँ|
पहली बार मिट्टी डालते वक़्त
“मिन्हा खलक ना कुम”
अर्थ: “अल्लाह ने हमें वही मिट्टी से पैदा किया”
दूसरी बार मट्टी डालते वक़्त
“व फिहा नोइदोकुम”
अर्थ: “और उसी मिट्टी में हमें जाना है”
तीसरी बार मिटटी डालते वक़्त
“व मिन्हा नुखरे जोकुम तारातन उखरा”
अर्थ: “और उसी मिट्टी से आपको क़यामत के दिन फिरसे ज़िंदा क्या जायेगा
दोस्तों हर जानदार चीज़ को मौत का मज़ा चखना है और अपने परवरदिगार के सामने आकर खड़ा होना है
दोस्तों ये बात जानते ही हैं अपने उसी विरान कब्रस्तान को छोड़ कर चले जाते हैं और क़बर में सिर्फ हम अकेले रह जाते हैं और फिर क़बर में क्या होता हम हैं वहां हमारे साथ सिर्फ तन्हाई होती है और अगर अमल अच्छे न किये हमने तो अल्लाह बयां नहीं कर सकते की क्या हालत होगी ज़िन्दगी में अगर कोई सांप या बिच्छू हम देख लेते हैं तो हम परेशां हो जाते हैं लेकिन क़बर में क्या हॉल होगा
अल्लाह हमें माफ कर दे अस्तग़्फ़िरुल्लाह दोस्तों उस पैर फ़िक्र करें और साथ ईमान और अल्ला की खुशनूदी लेकर जाएं।
तो उम्मीद है आप सब अच्छे से समझ गए होंगे और आप ने बहुत कुछ सीखा होगा तो दोस्तों अच्छे बातें दूसरों को बताना भी एक नेकी का काम है तो फिर ज़रूर सब के साथ शेयर करें
आप नहीं जानते एक नेकी भी आपके बहुत काम की है तो यहाँ तो शेयर करने से हज़ारों नेकियां कमा सकते है आप
दोस्तों हमने आपसे शेयर क्या अब आपकी बारी है
फ़िलहाल मिलते हैं ऐसे ही प्यारी प्यारी और नॉलेज में
अस्सलामुअलैकुम दोस्तों
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