As Islamic Andaz
What is Quran and profit of Quran क़ुरआन किया है और उसके फायदे
अस्सलामुअल्यकुम व व कैसे हैं दोस्तों
उम्मीद है खैरियत से होंगे अलहम्दुलिल्लाह, मैं आपका दोस्त मो0 शाहनवाज, इस्लामिक अन्दाज की तरफ से हम फिरसे एक बार ओर आपको मरहबा यानि खुशआमदीद कहते हैं,
दोस्तो वादे के मुताबिक आज फिर आपकी खिदमत मैं हाजिर आज हम जिस मोजू पर बात करेगें वह बेशुमार क़ीमती, बल्कि मैं तो यह कहुंगा कि यह जरिया है, हमसब की हिदायत, इन्सानियत ओर जिन्दगी के लिए,
तो आइये दोस्तो मै आपको बता दु मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ तो वह नायाब अनमोल, जमीनों आस्मान ही नही बल्कि कहीं भी नही, उस जैसी किताब, जिसका नाम कुरआने मजीद है जी हां कुरआन मजीद
कुरआन शरीफ मैरे प्यारे आक़ा नबी मो0 स अ व के सदकें से हम सब की मिली,
वह सिर्फ एक ऐसी किताब है जिसके अमल से बिमारों को शिफा मिलती है, अंधों को रोशनी मिलती है, बैनूरों को नूर मिलता है, अक्ल मिलती है,तनदुस्ती मिलती है, रोजगार मिलता है, अच्छी सोच समझ मिलती है, अच्छे रिश्ते मिलते हैं, बै ओलादों को ओलाद मिलती है, दिल को सुकून मिलता है, बल्कि मै तो यह कहुंगा कि जिन्दगी मिलती है , ओर मरने के बाद जन्नत भी, दोस्तों मै खुद इस लायक नही की इसकी खूबी ओर तारीफ बयान कर सकूं , पूरी जिन्दगी तारीफ करता रहू तो भी तारीफ कम पड जाये मैं तो बस सिर्फ थोडी सी कोशिश कर रहा हूं आपको बताने कि,
तो आइये दोस्तों उसी कुरआन शरीफ के पडने के बारे मैं जानते है,
दोस्तों सबसे पहले कुरआन को छूने ओर पडने के लिए पाक होना बहुत जरूरी हैं,
क्यूंकि कुरआन मजीद पाक है
इसका जुसदान पाक है ,
इसके कागज पाक हैं
यह जहां रहै वह मकान पाक है
इसको जो पडे वह जुबान पाक है
इसको जो उठा ले वह हाथ व जिस्म पाक हैं
क्यूंकि कुरआन को छूने का भी सवाब मितला है, कुरआन को देखने का भी सवाब मिलता है कुरआन को पडने का भी सवाब मिलता है, यहां तक की कुरआन पर मोहब्बत से उंगली रखो तो कुरआन पर उंगली रखने का भी सवाब मिलता है,
इसको पडने से दुनिया ओर आखिरत दोनो सम्भलती हैं
दोस्तों मैं आपको एक इसी से जुडा एक बाक्यिा बताउं
एक दफा एक मययत की कब्र खोदते हुए गलती से एक बराबर वाली कब्र खुल गयी, लोगों ने देखा कि कब्र मैं रोशनी हे ओर कफन भी मेला नही हुआ, ओर वहां गुलाब उगे हुऐ हैं वहां खुशबू से पूरी कब्र मे इत्र्र फेला हुआ है,
लोंग हैरान हुए ओर यह जानने के लिए कि किस वजाह से यह सब हुआ
उस कब्र के बारे मे पूंछ कर उसके घर पहुचे ओर उन्होने उनके घर वालों को यह बात बताई ओर घर वालो से पूंछा ओर बोले उनका ऐसा किया अमल था जिसकी वजाह से उनकी कर्ब रोशन हुई है, उनकी बीवी ने कहा कहा मेरा शोहर एक देहाती, अनपड शक्स थे, उनका ऐसा मुझे कोई अमल नजर नही आता लैकिन हां मझे एक बात याद है के कुरआान मजीद तो उन्हैं याद नही था लेकिन उन्हैं इस किताब से बहुत मोहब्बत थी, वह सुबाह जब वह नमाज पडने जाते तो वहां देखते कि लोग कुरआन मजीद खोलकर पडते तो उन्है बहुत दुख होता कि मैं भी कुरआन पडा होता तो मुझे भी यह बरकत नसीब होती, उसके बाद वह जब घर आते तो, घर आकर रखे हुऐ कुरआन को उठाते ओर खोलते, एक एक लफज पर उंगली रखते ओर रोते ओर बोलते मालिक मुझे भी बता यह किया लिखा है, लैकिन जो कुछ भी लिखा है सच लिखा है फिर नीचे लाइन पर आते ओर फिर बोलते मालिक मुझे नही पता यह क्यिा लिखा है, यह मेरी बदकिस्मति है कि मैं नही जानता कि यह किया लिखा है पर जो लिखा है सच लिखा है, यह तेरा कलाम है उंगलियां फैरते जाते ओर बोलते जाते मालिक यह भी हक है, यह भी हक है आरे यह भी हक है, तो आज जो उनकी कब्र मै जो उजाले है इस कुरआन की मोहब्बत की वजाह से हैं,
आपने सुना दोस्तों सिर्फ कुरआन से मोहब्बत करने का यह असर है तो इसको पडने का किया आलम होगा,
अल्लाह हम सब की भी कब्र मैं भी रोशनियां करदे, आमीन
तो दोस्तों आपने अन्दाजा लगाया कि कुरआन पडने से कितना फैज़ मिलता है
कुरआन पडने से आज भी रहमत के फरिश्ते घर मे आते हैं
रहमतों की बरसात होती है
कुरआन टेन्शन भी खतम कर देता है
कुरआन सुकून का जरिया है
अगर आप के शरीर मे कहीं तकलीफ हो तो कुरआन की किसी आयत को पडकर उसपर दम करे इन्शाअल्लाह आपको बहुत सुकून मिलेगा
ओलाद से महरूम अगर कोई है तो वह कुरआन की तिलावत करे इन्शाअल्लाह इस मायूसी से दूर हो जायेंगे
क्यूंकि कुरआन मजीद के हर हर्फ पर यानी 1 हर्फ पर 10 नेकियां मिलती हैं जरा सोचें 1 रूकू मे कितने हर्फ होते है फिर एक पारे मैं कितने हर्फ होते हैं दोस्तो और 1 घन्टे मे कितना पड सकतै है जैसे कि मेरे हुजूर ने फरमाया अलिफ लाम मीम एक हर्फ नही है यानि अलिफ अलग हर्फ हेै लाम अलग हर्फ है ओर मीम अलग हर्फ है, यानि अलिफ लाम मीम पडने से 30 नेकियां मिलती हैं तो सोचैं दोस्तों हम सब 1 घंटे मैं कितनी नैकियां समेट सकते हैं, क्यूंकि कुरआन मजीद की तिलावत करने से ना मा ऐ आमाल मैं इन्तिहाई हैरान कुन इजाफा होता है, ओर फिर नेेकियां उस दिन काम आयेगी जिस दिन हर शख्स को नैंकियों की तलाश यानि जरूरत होगी
मेरे प्यारे आक़ा मो0 स अ व फरमाते हैं कुरआन वह पाकीजा किताब है कि अगर तुम चाहते हो कि अल्लाह से बातें करो तो कुरआन पढा करो, ओर कुरआन की तिलावत किया करो जो कुआन पडता है वह अल्लाह से बाते करता है,
कुरआन यह अल्लाह की वह लटकती हुई रस्सी है जिसका एक सिरा हमारे हाथ मे है, ओर दूसरा सिरा हमारे रब के हाथ मे है, यानि कुरआन डारेक्ट फेज देता है, कुरआन डारेक्ट नूर देता है,
और यह कुरआन का ऐजाज़ है कि इसको एक बच्चा पडे तो उसे भी लुत्फ यानि मजा आता है एक बूढा पडे तो उसे भी लुत्फ यानि मजा आता है कोई अनपड समझे तो वह भी झूम उठता है ओर अगर कोई दगीग या मुहक्कि पडे तो उसे भी मजा आता है
जरा सोंचे दोस्तों हम क्यिा सिर्फ हम तभी कुरआन पडतेे जब हमारे घर मे मोत हो जाती है क्यूंकि मरने वाले की रूह को सुकून मिले , इसमे कोई शक नही रूह को सुकून मिलता हे , लेकिन अफसोस दोस्त कुरआन से भी हमने सिर्फ मरना ही सीखा, पर काश इस कुरआन से जीना सीख लिया होता,
क्यूंकि दोस्तो इसका एक एक हर्फ जिन्दगी देता है ,
ओर अगर आप यह सोच रहै हैं कि बात तो सही है लैकिन हमसे कुरआन पडना तो आता ही नही, तो दोस्तों अगर कोई 30 35 साल के भी जवान हो गये, या फिर किसी के बाल सफेद हो गये हों या या 60 साल के बूढे भी हो गये, कितनी भी उमर हो गयी शरमाओ नही बल्कि कुरआन पडना सीख लो,
मैरे प्यारे आक़ा फरमाते है इल्म हासिल करो मां कि गोद से लेकर कर्ब की गोद तक,
इस लिए कि इल्म सीखने की कोई उर्मर नही होती,
लैकिन दोस्तो यह मत सोचना कि अभि तो बहुत उर्म पडी है मोंत का भी कोई भरोसा नही, तो दोस्तो क्यूं न आज से ही सीखना शुरू करते हैं
क्यूंकि कुरआन पडने वाला जिनदगी के हर गम से दूर हो सकता है,़
इस कुरआन की हर आयत से मन पाक होता है
जिस घर मे कुरआने पाक कि तिलावत होगी उस घर मे रहमतों का नुजूल होगा
लैकिन मेरे प्यारे दोस्त इसको सही से पडने पर ही इसका फायेदे है, गलत पडने से गुनाह मिलता है तो कोशिस करे सही पडने की, चाहे वह फिर अटक अटक कर ही क्ंयू न हो
लैकिन सिर्फ ताक मे कुरआन शरीफ रखने से कोई फायेदा नही, हम सब को चाहिये की रोजान मोहब्बत ओर प्यार से कुरआने पाक की तिलावत करे, ओर सही से देख कर समझ कर अच्छे से पडे, अपने बच्चों को भी पडना सिखायें ओर रोजाना पडें फिर देखना घर मे रहमतों की बारिश केसे होती है घर मे सुकून केसे आता है , रोजगार मे बरकत केसे होती है , बीमारियों से केसे शिफा मिलती है ओर फिर यह जादू टोने बुराईयां यह बे बरकतियां केसे भागती है
ओर वेसे भी किसी इलाज के लिये तुम्हे किसी के पास जाने की जरूरत नही है तुम्हारे घर के अन्दर ही कुरआन मोजूद है,
इतना बडा नुस्खा हमारे पास मोजूद हो, ओर हम फिर भी जुल्म ओर अंधेरे मे भटकते रहैं
कुरआन मजीद की तिलावत ओर अल्लाह का जिक्र यह दिलों के जंग यानी मैल को उतारता है
ओर अब इजाज़त , दोस्तो मुझे उम्मीद है आप बहुत अच्छे इन्सान ओर समझदार है, अब तक बहुत अच्छे से समझ गये होंगे, लैकिन अगर आपको कुरआन के बारे मै और भी जान्ना है तो हमारी इसी टोपिक से जुडी विडियों आपको हमारे चैनल पर मिल जायेगी जिस विडियो का नाम है कुरआन किया हैं
खुदा हाफिज और शुक्रिया दोस्तों
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