How to Recite Taraweeh तराबी के बारे मैं ओर जानेगे तराबी के फजाइल About of Taraweeh - As Islamic Andaz

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Monday, June 21, 2021

How to Recite Taraweeh तराबी के बारे मैं ओर जानेगे तराबी के फजाइल About of Taraweeh


How to Recite Tarabee तराबी के बारे मैं ओर जानेगे तराबी के फजाइल About of Taraweeh

अस्सलामुअल्यकु व व कैसे है दोस्तों

दोस्तो मैं आपका दोस्त मो0 शाहनवाज ए एस इस्लामिक अंदाज की तरफ से 


ए एस इस्लामिक अंदाज के प्यारे दोस्तों आज के हमारे प्रोग्राम मै इंशाअल्लाह आज हम तराबी के बारे मैं सीखेंगे ओर जानेगे तराबी के फजाइल 


दोस्तो सबसे पहले याद रखें तराबी की नमाज हमारे लिए मुकरर करने मै अ तबारक व की हिकमत है उस पर गोर करना चाहिये अ त ने कुरआन मै इरशाद फरमाया कि.


ए ईमान वालो तुम पर रोजे इसी लिये फर्ज किये गये ताकि तुम परहैजगार हो जाओं ओर इन दो चीजों से अपनी नफस पर काबू कर सको 

दोस्तो आप देखेंगे कि हमे सुबाह से लैकर शाम तक भूंका रहने का हुक्म दिया गया, ओर इफतार करने के बाद भारी इबादत का एक बोछ रख दिया गया ताकि इन की वजाह से हमारा नफस मगलूल हो जाये ओर रमजान गुजर जाने के बाद गुनाह की तरफ कोे मायल न हो सकें


तराबी अदा करने से पहले बार बार सुन कर बार बार पढकर बार बार देखकर अपनी अच्छी तरहां इस्लाह करलें ताकि हमें तराबी पर अच्छे से जानकारी हो जाये 


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दोस्तो माहे रमजान मैं पूरी तैयारी के साथ रोजा रखें ओर 20 तराबी अदा करें, ओर उसमे पूरा कुरआने मजीद सुने ओर जहां कुरआने मजीद के साथ ज्यादती होती है वहां बिलकुल न नमाज पडें नमाज वहां पडें जहां कुरआने मजीद को सही तरीके के साथ पडा जाता है तो दोस्तो अपने अपने इलाकों मे आप ऐसी जगाह ठूंड सकते है ओर तराबी पडने मे कमसे कम डेड घंटा लग जाता है लैकिन कुरआने मजीद तरतीब के साथ पडा जाता है क्यूं के यह साल के बाद मोका आता है खास रहमतों का , जो लोग सोचते हैं 8 पड कर भाग जायें कुछ लोग सोचते हैं कि जहां 40 मिनट मै खत्म होती हों लैकिन दोस्तो यह लम्है जिंदगी मै दुबारा नही मिलेंगे तो दोस्तो तरतीब से पडा जाने वाला कुरआन सुनिये ओर उसकी बरकते रूह मे उतारिये 


हुजूर ने फरमाया जो इस महीने मे मुलाजम पर नरमी करे उससे थोडा काम ले अल्लाह तआला उसके गुनाह भी बख्शेगा ओर वह जहन्नुम की आग से भी आजाद कर दिया जायेगा अगर आप किसी फेक्टिरी के मालिक है तो काम करने वाले की डूटी कम करदे,


मुताल्लिक जरूरी मसाइल अर्ज किये जायेंगे जिनकी बरकत से अल्लाह त की जाते पाक से उम्मीद है कि बेशुमार गलतीयों का इजाला होगा 


ओर तराबी को जिस तरहां अ तबारक व ओर उसके रसूल करीम स अ व चाहते है वैसे अदा करने का मोका हासिल होगा 


तो दोस्तो याद रखिये कि तराबी हर बालिग मुसलमान मर्द ओर ओरत के लिये सुन्नते मोअक्दा है, सुन्नते मोअक्कदा शरीयत मे उसे कहते हैं कि जिसका करना बाइके सवाब होता है ओर उसे एक दो बार छोड देना ओर छोडने की आदत बना लेने की बिना पर इन्सान गुनाहगार होता है 


हम उन ओरतो से कहना चाहता हूँ जो समझती है कि तराबी सिर्फ मर्दो के लिए है 


तराबी की 20 तराक सूराह मै 


मैरे प्यारे नबी स अ व ने इरशाद फरमाया कि जिसने रमज़ान मैं 20 रकात तराबी पडी तो अल्लाह त ने उसके गुनाह को बख्श देता है 


अब तराबी के वक्त के बारे जान लैं दोस्तो क्यूंकि लोंगो के अन्दर बहुत गलत फहमियां है कि तराबी पढने के बाद भी वह कज़ा कर बेठता है


तो सबसे पहले तराबी का वक्त याद  रखिये कि इशा के फराइज अदा करने के बाद से लेकर ओर सहरी के खत्म हाने तक यह पूरा वक्त तराबी का है


यानि इब्तिदायी वक्त है इशा  के फ़र्ज़ अदा करने के बाद,


ओर आखिरी वक्त है जिस वक्त सहरी खत्म होगी यानि सहरी खत्म होगी तो फजर शुरू हो जायेगी तो तराबी का वक्त भी खत्म हो जायेगा,


बहुत से लोग यह सोचते हैं कि अगर हम जमात के साथ तराबी पडेंगे तो तराबी होगी , अगर जमात निकल गयी तो तराबी भी निकल गयी तो यह गलत ख्याल है, कुछ लोग कहते है कि 12 बजे तक से पहले पहले तराबी खत्म कर सकते हैं 12 बजे के बाद यह कज़ा हो जाती है तो यह भी ख्याल गलत है


आपने उसी पूरी रात मैं पडी तो कजा नही होंगी 


दोस्तो याद रखे तराबी इशा के फराइज पडने के बाद ही पडी जाती है अगर किसी इन्सान देर से आया ओर तराबी की जमात मै शामिल होगया लैकिन उसने इशा के फराइज नही पडे तो उसकी तराबी नही होंगी बल्कि वह तराबी नफिल कहलायेगी ओर उसको नफिल नमाज का सवाब मिलेगा उसको तराबी का सवाब नही मिलगा,


इसलिए दोस्तो अगर कभी देर हो जाये ओर तराबी की जमात खडी हो गयी थी तो पहले साइड मे जाकर इशा के फराइज अदा करें इसके बाद शामिल जमात हो जायें 


दोस्तो एक ओर बाद याद रखें की इशा के 3 वितर से पहले भी तराबी हो सकती हैं आरे वित्र के बाद भी 


एक ओर बात दोस्तो तराबी की कजा नही होती है कजा सिर्फ फराइज की है ओर वाजिबात की है लैकिन सुनन्न ओर नवाफिक की कजा नही होती है तो इस लिए तराबी सुन्नते मोअक्दा है इसी लिए तराबी की कजां नही है 


याद रखे दोस्तो अगर आपने तराबी की कजां की तो यह 20 रकात नवाफिल बनेगें इस लिए इसकी कजा अदा करने की जरूरत नही है 


दोस्तो अगर जानबूछ कर हमने तराबी छोडी थी तो अल्लाह की बारगाह मै तोबा करलैं, मजबूरी की बिना पर निकली थी तो गुनाहगार भी नही होगा 


दोस्तो तराबी अदा करने का तरीका वही है कि 2, 2 रकात करके अदा किये जाये हर 2 रकात पर सलाम फेरा जाये 


अगर किसी ने 4, 4 रकात करके पडा तो भी अदा हो जायेगी लैकिन यह खिलाफे सुन्नत तरीका होगा इसके सवाब मै थोडी क़मी आ जायेगी 


एक ओर बात दोस्तो कुछ लोग बैठ कर तराबी पडते है तो दोस्तो बैठ कर भी तराबी हो जायेगी लैकिन सवाब मै कमी होगी क्यूंके फराइज ओर वाजिबात अगर आप अदा कर रहै है तो अफजल तरीका यही है कि वह खडे होकर तराबी को अदा करे 


दोस्तो एक ओर बात याद रखे कि इमाम ओर मुकतदी दोनो के लिए सुन्नते मुबारका है कि वह पहली रकात मे सना पढैंगे हर पहली रकात मैै सना पडते चले जायेगे 


दोस्तो तराबी मै एक कुरआन पूरा करना सुन्नते मोअक्कदा होता है


देास्तो एक मस्ला यह भी याद  रखे कि  जब रमजान की आमद होती है तो बेनर लग जाते है कि 5 रोजा तराबी 6 रोजा तराबी 10 रोजा तराबी उसके बाद फिल लोग समझते है कि तराबी अब हम पर माफ होगयी उसके बाद वह तराबी पडने जाते ही नही है तो वह गुनाहगार होगा क्यूंकि जब तक रमजान रहैगे तब तक तराबी पडी जायेगी 




तो दोस्तों  मुझे  उम्मीद है की आपको ये टॉपिक आपको बहुत पसंद आया होगा  और आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा तो इस टॉपिक को अपने दोस्तों से ज़रूर शेयर करें ताकि आपको भी आगे शेयर करने का सवाब मिले क्यूंकि अच्छी बातें दूसरों को पहुँचाना सदका ए जारिया है 


फ़िलहाल इजाज़त अल्लाह हाफ़िज़ और शुक्रिया दोस्तों 




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