As Islamic Andaz
(ला इलाज मर्ज़ )
एक मर्तबा का जिक्र है हजरत ईसा अलैहिस्सलाम पहाड़ की तरफ़ भागे जा रहे थे यूं मालूम होता था कि जैसे कोई शेर उनके खून के दर पर है एक शख्स उनके पीछे दौड़ा और पूछा आखिर भागने का सबब क्या है खैरियत तो है आपके पीछे तो कोई नहीं है जो आप इस तरह भागे जा रहे हैं क्योंकि हजरत ईसा अलैहिस्सलाम इस क़द्र तेज भाग रहे थे कि उसकी बात का जवाब ना दे उस शख्स ने भागकर और उनके नजदीक आकर कहा खुदा के लिए थोड़ी देर रुक जाइए और मेरी बात का जवाब देदी जिए क्योंकि आपके भागने से मैं सख्त परेशानी में मुब्तला हो गया हूं आपके पीछे ना तो कोई शेर है और ना कोई दुश्मन का डर या ख़ौफ़ हे जो आप भाग रहे हैं
हजरत ईसा अलैहिस्सलाम ने फरमाया मैं एक बेवकूफ से भाग रहा हूं मुझे ना रोक !
हजरत ईसा अलैहिस्सलाम ने फरमाया मैं एक बेवकूफ से भाग रहा हूं मुझे ना रोक !
उस शख्स ने कहा आपके दम करने से तो अंधे बहरे अच्छे हो जाते हैं आप बेवकूफ की हिमाकत से इस क़द्र ख़ौफ़ज़दा क्यों है हजरत ईसा अलैहिस्सलाम ने फरमाया तेरी बात दुरुस्त है पीछे भागने वाले ने कहा आप तो वह मसीहा हैं जिनको इसम आजम आता है और जब आप मुर्दे पर पढ़ते हैं तो वह फ़ौरन जिंदा हो जाता है
आपने फरमाया, हां मैं वही हूं जो तू कहता है इस पर शख्स ने कहा आप तो मिट्टी से परिंदा बनाकर हवा में उड़ा देते हैं उसमें फूंक मारते हैं तो वह उड़ने लगता है आपने इक़रार किया
तो उसने फिर कहा, जब आपके इस तरह के अज़ीम मौजज़े हैं तो फिर आपको इस बात का खौफ है
आपने फरमाया, हां मैं वही हूं जो तू कहता है इस पर शख्स ने कहा आप तो मिट्टी से परिंदा बनाकर हवा में उड़ा देते हैं उसमें फूंक मारते हैं तो वह उड़ने लगता है आपने इक़रार किया
तो उसने फिर कहा, जब आपके इस तरह के अज़ीम मौजज़े हैं तो फिर आपको इस बात का खौफ है
हजरत ईसा अलैहिस्सलाम ने कहा बेशक इस्म-आज़म का यही असर है की उससे अंधे बहरे ठीक हो जाते हैं पहाड़ उसकी अज़मत और हैबत से फट जाता है इसमें आजम मुर्दे पर पढ़ा जाए तो वह जिंदा हो जाता है लेकिन बेवकूफ पर इस्म-आजम पढ़ने से कोई फायदा नहीं हुआ बल्कि उल्टा असर हुआ कि वह और ज्यादा सख्त हो गया
यह सवाल करने वाले ने कहा इसमें क्या राज और हिकमत पोशीदा है कि बेवकूफ पर इस्म -आजम भी असर नहीं करता
हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने फरमाया, के बेवकूफ अजाबे इलाही है और अंधापन एक आजमाइश है और आजमाइश में जो मुब्तला होता है उस पर रहम किया जाता है जब के अहमक पर जूते बरसाए जाते हैं यानी बेवकूफ की हिमाकत पर सब को गुस्सा आता है हिमाकत का असर खुदा तआला का एक मेहर है जिस पर कोई तदबीर मौसर नहीं होती,
हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ने फरमाया, के बेवकूफ अजाबे इलाही है और अंधापन एक आजमाइश है और आजमाइश में जो मुब्तला होता है उस पर रहम किया जाता है जब के अहमक पर जूते बरसाए जाते हैं यानी बेवकूफ की हिमाकत पर सब को गुस्सा आता है हिमाकत का असर खुदा तआला का एक मेहर है जिस पर कोई तदबीर मौसर नहीं होती,
Note:-
इस हिकायत से यह नतीजा अक्स होता है बेवकूफ चाहे जितना भी ज़हीन हो उसको अहमक़ समझो और उससे इस तरह भागो जिस तरह हिरन शेर से भागता है हिमाकत का मर्ज़ अजाबे इलाही और लाइलाज है
Islamic Massage Story.
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Is Hiqat se ye nateeza aks hauta hai , bewakoof chaahe jitna bhi zaheen ho uska ahamak samjho aur usse is tarham bhago ki jios tarhan hiran shair se bhagta hai, Himakat ka marz ajabe ilahee aur laailaaz hai
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